नई दिल्ली; सोमवार को दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को कोयला घोटाला मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व संयुक्त सचिव के. एस क्रोफा को दो साल और नागपुर स्थित फर्म मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुप्ता को चार साल की कैद की सजा सुनाई है। ये मामला महाराष्ट्र के एक कोयला ब्लाक के आवंटन में धांधली से जुड़ा हुआ है।
प्राप्त जानकारी अनुसार, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने सोमवार को सजा सुनाते हुए एचसी गुप्ता पर एक लाख रुपये, केएस क्रोफा पर पचास हजार रुपये, मुकेश गुप्ता पर दो लाख रुपये और नागपुर स्थित फर्म मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी अदालत ने पिछले हफ्ते एच सी गुप्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-120बी और धारा-13(2)आर/डब्ल्यू 13(1)(डी) के तहत दोषी ठहराया था। इसके अलावा अन्य दो को भी कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी माना था। आज अदालत ने उन्हें महाराष्ट्र में स्थित लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक के आवंटन से जुड़े कोयला घोटाला मामले में दोषी करार दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार, 20 सितंबर 2012 को पीसी अधिनियम, 1988 की धारा- 120बी आर/डब्ल्यू 420 आईपीसी आर/डब्ल्यू 13(2) आर/डब्ल्यू 13(1)(डी) के तहत मामला दर्ज किया था। जांच पूरी होने पर आरोप पत्र दाखिल किया गया था। 28 अक्टूबर 2014 को न्यायालय में मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और कंपनी के निदेशक मुकेश गुप्ता के खिलाफ सीबीआई द्वारा धारा- 420 आईपीसी के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था।
सीबीआई के अनुसार, दोषियों मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और मुकेश गुप्ता के खिलाफ वर्ष 2005 से 2011 के बीच की अवधि के दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र व अन्य स्थानों पर आपराधिक साजिश रची और कोयला मंत्रालय को धोखा दिया। कोर्ट ने 10 अगस्त 2015 को पीसी एक्ट की धारा 120बी आर/डब्ल्यू 409/420 आईपीसी आर/डब्ल्यू 13(2) आर/डब्ल्यू 13(1)(सी) और (डी) के तहत दंडनीय अपराधों का संज्ञान लिया। इसके बाद आरोपी व्यक्तियों को न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। मुकदमे के दौरान अभियोजन/सीबीआई ने अपना मामला साबित करने के लिए कुल 34 गवाहों से पूछताछ की थी।