नई दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिसर पर मंगलवार को एक ब्लैक काइट(चील) को गिरा हुआ देखा गया। सूचना पाकर मौके पर दो अधिकारी पहुंचे और चील को अपने कब्जे में लिया। इस काले चील को गिरा हुआ देखने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई। चील के प्रधानमंत्री परिसर में होने की सूचना मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने वन्यजीव के अधिकारियों को दी।
मिली जानकारी के अनुसार, वन्यजीव के अधिकारियों ने बताया कि चील वर्तमान में उनकी निगरानी में है। एक बार फिट घोषित होने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह सुरक्षाकर्मियों ने देखा कि एक चील प्रधानमंत्री परिसर में गिरा हुआ है। वो उड़ने में असमर्थ था और जमीन पर बैठा था। इसके बारे में एजेंसियों ने तुरंत इसकी सूचना वन्यजीव अधिकारियों को दिया और अन्य एजेंसियों को सतर्क किया।
इसके बाद पक्षियों की देखभाल करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन को मौके पर बुलाया गया। मौके पर दो सदस्यीय बचाव दल के सदस्य पहुंचे। इन दोनों ने चील को पीने का पानी उपलब्ध कराया। चील ने पानी पिया उसके बाद उसे सावधानी से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया।
वन्यजीव संस्थान के सचिव और अन्य सहयोगी गीता शेषमणि ने कहा कि हमें दिल्ली-एनसीआर से पतंग से घायल हुए कई पक्षियों को बचाने के लिए कई कॉल आते हैं। हालांकि यह एक जटिल स्थिति नहीं थी। आमतौर पर पक्षियों को पानी की कमी के कारण जमीन पर देखा जाता है। कई पक्षियों को जब पानी नहीं मिल पाता है तो वो जमीन पर बैठ जाते हैं, पानी मिल जाने के बाद वो वहां से उड़ जाते हैं।
ये मामला भी कुछ इसी तरह का नजर आ रहा है। फिलहाल चील की निगरानी की जा रही है। इस मामले में भी संभवत: यही हुआ है। संस्थान के सदस्यों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में पीएम आवास और कार्यालय में ऐसे कई बचाव कार्य किए गए हैं।