नई दिल्ली; भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज विनोद कांबली इन दिनों पैसे-पैसे को मोहताज हैं और आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। आम तौर पर सोने की चेन, स्टाइलिश कैप और शानदार ड्रेस में नजर आने वाले कांबली बेहद साधारण दिख रहे थे और उनके सेल फोन की स्क्रीन दायीं तरफ से क्षतिग्रस्त नजर आ रही थी।
मिली जानकारी के अनुसार, 50 वर्ष के इस पूर्व क्रिकेटर को पहचानना तक मुश्किल हो गया था जब वो मंगलवार को मुंबई में एक कॉफी शॉप में बैठे हुए थे। स्थिति ये है कि वो पैसे कमाने के लिए क्रिकेट से जुड़ा कोई भी काम करने के लिए तैयार हैं।
कांबली की स्थिति ये है कि क्लब तक आने के लिए उन्हें अपने एक दोस्त की कार में आना पड़ा। कांबली ने कहा कि उन्हें काम की जरूरत है और इस वक्त उनके आय का स्रोत बीसीसीआइ की पेंशन है। कांबली को बीसीसीआइ से पेंशन के रूप में 30,000 रुपये मिलते हैं। अपनी आर्थिक तंगी के बारे में बात करते हुए कांबली ने कहा कि मैं एक रिटायर क्रिकेटर हूं और पूरी तरह से बीसीसीआइ की पेंशन पर निर्भर हूं। मेरी आय का स्रोत सिर्फ पेंशन ही है और मैं इसके लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड का आभारी हूं।
कांबली ने कहा कि मुझे असाइनमेंट चाहिए जिससे कि मैं युवा क्रिकेटरों की मदद कर सकूं। मुझे पता है कि मुंबई ने अमोल मजूमदार को अपना मुख्य कोच बनाए रखा है और अगर उन्हें मेरी जरूरत है तो मैं वहां हूं। मैंने उनके कई बार कहा है कि अगर आपको मेरी जरूरत है तो मैं आपके साथ हूं। मेरा परिवार है और मुझे उनकी देखभाल करनी है। क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद आपके लिए कोई क्रिकेट नहीं है, लेकिन अगर आपको जीवन में स्थिरता चाहिए तो असाइनमेंट्स होने जरूरी हैं। मैं एमसीए प्रेसिडेंट से अनुरोध कर सकता हूं कि अगर मेरी जरूरत है तो मैं तैयार हूं।
कांबली ने कहा कि स्थिति ऐसी है जो परेशान करती है। मैं पैदाइशी अमीर नहीं था और मैं क्रिकेट खेलकर ही कुछ अपने जीवन में कर पाया। मैंने गरीबी देखी है और कभी-कभी खाना तक नहीं होता था। मैं शारदा आश्रम स्कूल जाता था जहां टीम में होने पर मुझे खाना मिलता था वहीं पर सचिन तेंदुलकर मेरे दोस्त बने। मैं बेहद गरीब परिवार से निकला और मुझे अपने माता-पिता की बहुत याद आती है। वैसे क्रिकेट से मुझे काफी कुछ मिला। आपको बता दें कि विनोद कांबली ने भारत के लिए 17 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें उन्होंने 1084 रन बनाए थे तो वहीं 104 वनडे मैचों में उन्होंने 2477 रन बनाए थे। टेस्ट में उन्होंने 4 शतक तो वहीं वनडे में 2 शतक लगाए थे।