देहरादून; उत्तराखंड में भू-कानून के परीक्षण व अध्ययन को पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक में कानून को सख्त बनाने की संस्तुति को अंतिम रूप दिया गया। वर्तमान भू-कानून को कड़ा बनाया जाना चाहिए, ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके। साथ में समिति ने राज्य में निवेश और उद्योगों को आकर्षित करने की दृष्टि से भू-कानून को अनावश्यक जटिल रूप देने से बचने का समर्थन भी किया है। समिति इस माह के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट सौंपेगी।
मिली जानकारी के अनुसार, समिति की यह अंतिम दौर की बैठक पहले पिछले माह 23 जुलाई को प्रस्तावित थी। समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार के खराब स्वास्थ्य के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। शुक्रवार को बीजापुर राज्य अतिथिगृह में समिति की बहु प्रतीक्षित बैठक हुई। समिति के सदस्यों की उपस्थिति में इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। यद्यपि रिपोर्ट को अंतिम रूप से जांच करने को 23 अगस्त को भी समिति की बैठक रखी गई है।
समिति की बैठक में वर्ष 2003 के बाद भू-उपयोग में दी गई छूट से संबंधित जिलेवार रिपोर्ट पर मंथन किया गया। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि भू-कानून में उद्योगों और निवेश को आमंत्रित करने के लिए दी गई छूट का दुरुपयोग हुआ है।
सूत्रों के अनुसार इस दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमों को सख्त बनाने की संस्तुति समिति करने जा रही है।
कानून को सख्त बनाने के लिए प्रविधान के साथ यह भी ध्यान रखा जाएगा कि राज्य में निवेश की राह में अड़ंगा न लगे।
समिति को जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उनमें भी निवेश को बाधित करने का समर्थन नहीं किया गया है।
समिति भूमि अधिनियम के साथ नियमावली बनाने के पक्ष में है। नियमावली बनने से भू-कानून में दी गई छूट के उपयोग पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। साथ में इस छूट का दुरुपयोग होने की स्थिति में कार्यवाही या दंड की व्यवस्था की जा सकती है।
समिति ने भू-कानून के संबंध में आम जन, स्वैच्छिक संगठनों और विशेषज्ञों से सुझाव लिए हैं। एक सौ साठ से अधिक सुझावों पर समिति ने गौर किया है। समिति अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। संपर्क करने पर समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने समिति की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक मुख्यमंत्री से समय लेकर समिति अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी। बैठक में समिति के सदस्यों में सेवानिवृत्त आइएएस डीएस गर्ब्याल व डा अरुण ढौंडियाल, बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राजस्व सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव और उप राजस्व आयुक्त देवानंद समेत संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।