December 24, 2024

Devsaral Darpan

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ऋषिकेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बटन दबाते ही सुरंग हुई आर.पार।

ऋषिकेश; कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना की उपलब्धि के नए-नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। पहले ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में वीरभद्र रेलवे स्टेशन से योगनगरी रेलवे स्टेशन तक नए ट्रैक, योगनगरी ऋषिकेश के नाम से नए रेलवे स्टेेशन का निर्माण।

शिवपुरी और व्यासी के बीच 26 दिन में 1.12 किलोमीटर रेलवे सुरंग बनाकर कीर्तिमान हासिल किया था। यह सुरंग एनएटीएम तकनीकी से बनाई गई। शिवपुरी और गूलर के मध्य दो अलग-अलग सुरंगें आपस में मिली। इस उपलब्धि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। सीएम धामी के बटन दबाते ही सुरंग आर-पार हुई। और इसी के साथ पहाड़ की रेल परियोजना एक कदम और आगे बढ़ी।

मिली जानकारी के अनुसार, ऋषिकेेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना करीब 16,216 करोड़ की लागत से बन रही है। 2024 तक योजना का परियोजना का निर्माण पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। 126 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 105 किलोमीटर लाइन सुरंगों के अंदर से गुजरेगी। जबकि 21 किलोमीटर ट्रैक खुले आसमान के नीचे बनेगा। इस परियोजना निर्माण में 17 सुरंगों का निर्माण हो रहा है। 16 पुल बनाए जाएंगे। करीब 60 किलोमीटर सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है।

ऋषिकेेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना निर्माण में 17 सुरंगों में पैकेज1, ढालवाला से शिवपुरी, पैकेज , शिवपुरी से ब्यासी, पैकेज, ब्यासी से देवप्रयाग, पैकेज 5- जनासू से श्रीनगर, पैकेज 6- श्रीनगर से धारी देवी, पैकेज 7 ए- धारी देवी से तिलनी, पैकेज 7 बी- तिलनी से घोलतीर, पैकेज 8- घोलतीर से गौचर, पैकेज 9-गौचर से सिवाई (कर्णप्रयाग) तक एनएटीएम(न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मैथड) तकनीकी से बन रही है। जबकि पैकेज संख्या पैकेज 4- सौड़ (देवप्रयाग) से जनासू तक टीबीएम(टनल बोरिंग मशीन) से निर्माण होगा। छह अगस्त एक टनल बोरिंग मशीन सौड़ देवप्रयाग स्थित परियोजना स्थल तक पहुंच गई है। दूसरी मशीन भी जर्मनी से भारत भेजी गई है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पैकेज नंबर चार (देवप्रयाग से जनासू) में परियोजना की सबसे लंबी सुरंग बनाई जानी है। इस सुरंग की लंबाई लंबाई 14.70 किमी है। यह सुरंग देश की सबसे लंबी सुरंग होगी। इस सुरंग का निर्माण टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से किया जाना है। जिसके लिए रेल विकास निगम ने जर्मनी में टीबीएम दो टीबीएम मशीनें बनाई थी। इस मशीन को अलग-अलग टुकड़ों में लोडरों के माध्यम से निर्माण स्थल पर पहुंचाया गया। जिसका वजन 200 टन (दो हजार क्विंटल) है।

मिली जानकारी के अनुसार, रेल विकास निगम की ओर से जिन दो सुरंगों का मिलान(ब्रेक थ्रू) आज शुक्रवार को होगा। उनका निर्माण 20 अक्तूबर 2020 को शुरू हुआ था।  शिवपुरी से करीब 1.8 किलोमीटर गूलर की ओर यह सुरंग मिलेगी। यह दोनों सुरंग एनएटीएम तकनीकी से बनी हैं। इन सुरंगों के निर्माण में में 500 मजदूर दिनरात काम पर लगे रहे। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण के दौरान रेल विकास निगम की ओर से श्रीनगर गढ़वाल और कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन के निर्माण के साथ ही मालगोदाम बनाए जाएंगे। श्रीनगर में दो मालगोदाम बनाए जाएंगे, जबकि सिवाई कर्णप्रयाग में एक मालगोदाम बनाया जाएगा।  योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, सिवाई (कर्णप्रयाग)  ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम तेजी से किया जा रहा है। 2024 तक परियोजना का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। अलग पैकेज में काम चल रहा है।

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