हरिद्वार: लंपी स्किन बीमारी की चपेट में आकर लक्सर क्षेत्र में 22 गायों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी के सर्वाधिक मामले रायसी क्षेत्र में मिले हैं। क्षेत्र में अभी तक 1100 से अधिक गायों में इसका संक्रमण मिला है। पशुपालन विभाग द्वारा अभी तक आठ सौ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
जून में बहादराबाद की एक गाय में लंपी स्किन का पहला मामला मिलने के बाद से पशुपालन विभाग जिले में गायों की जांच कर रहा है। जांच के बाद लक्सर में भी इस बीमारी का दायरा लगातार बढ़ रहा है। रायसी क्षेत्र में इस बीमारी का सबसे अधिक असर है। रायसी के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अमित कुमार ने बताया कि रायसी के 39 गांवों में 850 गायों की जांच हुई है। इनमें से 750 में लंपी स्किन का संक्रमण मिला है, इससे 19 गायों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार तक करीब सात सौ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। जहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं, वहां कैंप लगाकर पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है।
गोवर्धनपुर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. कमलकांत के अनुसार 25 गांवों में 772 गायों की जांच में 68 में लंपी स्किन की पुष्टि हुई है। इनमें दो गायों की मौत हो चुकी है। पशु चिकित्साधिकारी खानपुर डॉ. गुरुप्रीत सिंह सचदेवा ने बताया कि अभी तक 21 गायों में लंपी स्किन का संक्रमण मिला है। लक्सर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विरेंद्र सिंह ने बताया कि गांवों में जांच चल रही है। अभी तक 150 गायों में लंपी स्किन बीमारी मिली है। यहां भी एक गाय की इससे मौत हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि अभी तक 350 पशुओं को टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अगर किसी एक पशु को यह बीमारी होती है, तो उससे इसका संक्रमण आसपास के दूसरे पशुओं में भी फैल रहा है। बता दें कि लंपी स्किन रोग वायरस की वजह से तेजी से फैलता है। यह एक संक्रामक रोग है। लंपी स्किन रोग कमजोर इम्यूनिटी वाली गायों को जल्द प्रभावित करता है। इस रोग का कोई ठोस इलाज न होने के चलते सिर्फ वैक्सीन के द्वारा ही इस रोग पर नियंत्रण और रोकथाम की जा सकती है।
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