देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना प्रदेश की जनता के सामने लिया गया संकल्प है। सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। समिति से अगले दो माह में रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। सरकार ने इसे लागू करने के लिए समिति को छह माह का समय दिया है। इसे तय समय पर लागू कर दिया जाएगा। समान नागरिक संहिता लागू करने के मामले में उत्तराखंड सरकार कुछ आगे बढ़ी है। मुख्मयंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि समिति से अगले दो माह में रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान यह कहा था कि सत्ता में आने पर वह प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। लगातार दूसरी बार सत्ता में आने पर धामी सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने शुरू किए।
मिली जानकारी के अनुसार, गत 27 माई को सरकार ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। समिति में न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकत्र्ता मनु गौड़ एवं सदस्य सचिव अजय मिश्रा शामिल हैं। इस समिति की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। यह समिति मौजूदा कानून में संशोधन करने के साथ ही विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार व उत्तराधिकार से संबंधित मामलों का भी अध्ययन कर रही है। समिति विरासत, गोद लेने, रखरखाव और समान नागरिक संहिता का परीक्षण करने की साथ ही इसे लागू करने के लिए कार्ययोजना बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि समिति की बैठकें हो रही हैं। इसका ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है। जैसे ही सभी हितधारकों से बात कर जनसंवाद और जनसुझाव लेकर ड्राफ्ट बन जाएगा, प्रदेश सरकार उसे लागू करने की दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी।