उत्तराखण्ड; यूनियन बैंक मदन नेगी में लगभग दो करोड़ से अधिक की धनराशि का गबन का मामला सामने आने पर शनिवार को बैंक में अपने खातों की जानकारी लेने के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ी। बैंक में रिजनल स्तर के अधिकारियों ने शनिवार को भी बैंक में हुये घपले की जांच जारी रखी। यूनियन बैंक के मुख्य प्रबंधक संजय उपाध्याय ने बताया कि जांच की जा रही है। यूनियन बैंक मदन नेगी में लगभग दो करोड़ से अधिक की धनराशि का गबन का मामला सामने आने पर शनिवार को बैंक में अपने खातों की जानकारी लेने के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ी।
मिली जानकारी के अनुसार, दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को जोनल अधिकारियों से परमिशन मांगी गई है। जल्द ही मामले में एफआईआर दर्ज की जायेगी।क्षेत्र में एक मात्र यूनियन बैंक मदन नेगी में गबन की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के ग्रामीण व बाहर रहने वाले लोग अपनी एफडी व सेविंग खातों के पेपर लेकर स्थिति जानने के लिए बैंक पहुंचे। जिनमें से दर्जनों लोग बैंक से मायूस होकर बाहर निकले, जब उन्हें पता चला की उनकी भारी-भरकम धनराशि को गबन कर दिया गया है। भले ही बैंक अधिकारियों से सभी की धनराशि लौटाने का भरोसा दिलाया। कहा कि 15 दिनों के भीतर यथास्थिति ठीक कर ली जायेगी।
दौलत सिंह ने बताया कि उनके पिता धूम सिंह के नाम से 18 लाख की एफडी है। जिस पर 12 लाख का लोन लिया गया है। जो उनके पिता ने नहीं लिया है। दादा पदम सिंह ने एसबीआई टिहरी से तीन लाख की धनराशि लाकर यूनियन बैंक मदन नेगी में जमा की, लेकिन पैसा लेकर फर्जी एफडी के दस्तावेज थमा दिये गये। कुशाल सिंह रावत ने बताया कि तीन लाख रुपये की एफडी के फर्जी कागज दिये गये हैं। उमा देवी ने बताया कि उनकी पांच लाख की एफडी का गबन किया गया है। गणेश चमोली ने बताया कि उनकी 15 लाख की एफडी का गबन किया गया है। आरती चमोली ने बताया कि उनकी 3 लाख की एफडी को गबन कर दिया गया है।
यूनियन बैंक मदन नेगी में करोड़ों के गबन का आरोपी कैशियर सोमेश डोभाल लंबे समय से इस बैंक में कार्यरत था। लोगों के बीच उसने काफी तगड़ी पैठ बना रखी थी। स्थानीय लोग जब अपने खातों की इंट्री करवाने या जानकारी लेने आते तो वह उन्हें नेटवर्क की प्राब्लम या फिर इंट्री मशीन खराब होने की बात कह कर टाल देता था। लगभग बीते तीन साल से यह तेजी से लोगों का पैसा गबन कर रहा थ
यूनियन बैंक के मुख्य प्रबंधक संजय उपाध्याय ने बताया कि लगभग 10 दिन पहले एक उपभोक्ता ने रिजनल में शिकायत की थी, कि उनका आरटीजीएस आठ दिन बाद भी नहीं किया गया है। जिस पर जांच शुरू की गई। चंबा के शाखा प्रबंधक ने फौरी जांच के बाद बताया कि कैश में गड़बड़ी नजर आ रही है। जिस पर जांच शुरू की गई तो कैश में लगभग 45 लाख और एटीएम के कैश में 3 लाख की कमी पाई गई।
धीरे-धीरे एफडी व सेविंग खातों में गड़बड़ी सामने आने लगी। फर्जी विड्राल और फर्जी एफडी बनाकर लोगों की भारी भरकम राशि का गबन कैशियर सोमेश डोभाल ने किया। बैंक मैनेजर राहुल शर्मा की लापरवाही भी सामने आई। जिस पर दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
कैशियर सोमेश डोभाल गायब चल रहा है। जबकि ब्रांच मैनेजर राहुल शर्मा को रिजनल कार्यालय तलब किया गया है। उन्होंने बताया कि कैशियर ने यह पैसा शायद गैमबलिंग में खर्च किया है। अब तक लगभग दो करोड़ का गबन सामने आया है। गबन की राशि आगे बढ़ने की संभावना है। ग्रामीणों ने बैंक में आकर पैसा जल्द लौटाने की मांग बैंक अधिकारियों से की है।