नई दिल्ली; शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शीर्षस्तरीय सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विशेष विमान गुरुवार को रात तकरीबन नौ बजे उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद के हवाई अड्डे पर उतरा। उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी आठ पूर्णकालिक सदस्य और चार प्रेक्षक देशों वाले इस संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचने वाले पीएम मोदी सबसे अंतिम शीर्ष नेता थे।
देरी से पहुंचने की वजह से न तो वह आधिकारिक रात्रि भोज में हिस्सा ले पाए और न ही दिन में दूसरे देशों के नेताओं के साथ विशेष तौर पर आयोजित नाव की सवारी कर पाए। मोदी वहां सिर्फ 24 घंटे रुकेंगे और मुख्य समारोह समाप्त होने के कुछ ही घंटे बाद शुक्रवार की रात वह स्वदेश के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम भारत सरकार की कूटनीतिक तटस्थता की नीति को उजागर करता है।
एससीओ की इस बैठक को जिस तरह से रूस और चीन की तरफ से अमेरिका व पश्चिमी देशों के खिलाफ एक मंच के तौर पर प्रचारित किया गया है उससे भारत उसके साथ नहीं दिखना चाहता है। गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद भी यही संकेत दिया गया है। भारत एससीओ का हिस्सा अपनी शर्तों पर बना रहना चाहता है।