उत्तराखंड; ऐसे में माना जा रहा है कि नवरात्र के बाद धामी मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल, दोनों एक साथ होंगे। इसमें मंत्री पद की आस लगाए बैठे पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को जगह मिल सकती है।
बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बीच सत्ताधारी दल भाजपा के कुछ विधायकों की लाटरी खुल सकती है। जिस तरह के आसार बन रहे हैं, उसे देखते हुए मंत्रिमंडल से दो-तीन मंत्रियों की छुट्टी होने की चर्चा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपनी दूसरी पारी का छह माह का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ, तब इसमें तीन पद रिक्त रखे गए।
मिली जानकारी के अनुसार, तय व्यवस्था के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। वर्तमान में यह संख्या नौ है। पूर्व में कहा गया था कि रिक्त मंत्री पदों को बाद में भरा जाएगा। हाल में मुख्यमंत्री ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर मंत्रिमंडल में विस्तार के संकेत दिए थे।
उनका कहना था कि भाजपा में सब कुछ अनुशासित ढंग से और तय समय पर होता है। वर्तमान में हरिद्वार में पंचायत चुनाव चल रहे हैं। साथ ही पार्टी की जिला इकाइयों का गठन होना है। इसके बाद आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।
इस बीच राजनीतिक परिस्थितियां एकदम से तब पलटीं, जब चौथी विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा सचिवालय में हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों में गड़बड़ी के मामले ने तूल पकड़ा। ये नियुक्तियां तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान में सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं। इसे लेकर विपक्ष ने भाजपा व उसकी सरकार को घेरने में देर नहीं लगाई।
संपादन: अनिल मनोचा