December 24, 2024

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हल्द्वानी जेल- ग्रह दोष, बंधन योग, का उपचार पाँच रुपये में, वीकेंड पर लोग बिता रहे समय

हल्द्वानी;   मीडिया में आई खबरों के अनुसार हल्द्वानी जेल में इन दिनों लोगों के इस ग्रह दोष, (बंधन योग) का उपचार किया जा रहा है। वहीं, आईजी जेल ने हल्द्वानी जेल अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। आईजी के अनुसार इस तरह की बातें अधंविश्वास को बढ़ावा देती हैं।

मिली जानकारी के अनुसार,  हल्द्वानी जेल में इन दिनों लोगों के 500 रुपये में ग्रह दोष काटे जा रहे हैं। फलित ज्योतिष की मान्यता के अनुसार यदि किसी की कुंडली में बंधन दोष हो तो जेल में खाना खाने या कुछ घंटे बिताने से यह दोष समाप्त हो जाता है।

मीडिया में प्रकाशित इस तरह की खबर पर आईजी जेल ने हल्द्वानी जेल अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। आईजी के अनुसार इस तरह की बातें अधंविश्वास को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों को इस व्यवस्था की जानकारी नहीं है। इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

दरअसल, फलित ज्योतिष में बहुत से कुंडली दोष बताए जाते हैं। इनका कोई न कोई उपचार भी बताया जाता है। बहुत लोगों की मान्यता होती है कि ज्योतिषी के बताए इन उपचारों से उनके इन दोषों का निदान भी हो जाता है। इसी तरह का एक दोष बताया जाता है बंधन दोष। कुछ ग्रहों की स्थिति को देखकर ज्योतिषी इसे व्यक्ति विशेष की कुंडली में जेल जाने का योग बताते हैं।

यानी व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी जेल जाना पड़ सकता है। इसके लिए उन्हें जेल में कुछ समय बिताने का उपचार भी बताया जाता है। यही नहीं उसे जेल में खाना खाने की सलाह भी दी जाती है। मीडिया में आई खबरों के अनुसार हल्द्वानी जेल में इन दिनों लोगों के इस ग्रह दोष (बंधन योग) का उपचार किया जा रहा है।

इसके लिए यहां करीब 120 साल पुराने खंडहर हो चुके शस्त्रागार को एक लॉक-अप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। जेल प्रशासन की ओर से हर वीकेंड पर कुछ लोगों को यहां 500 रुपये लेकर ठहराया जाता है। खबरों में इसकी पुष्टि वहां के उप कारागार अधीक्षक भी कर रहे हैं। हालांकि, इस मामले में जब आईजी जेल विमला गुंज्याल से बात की गई तो उन्होंने इसे पूरी तरह निराधार बताया।

कहा कि यह अंधविश्वास है और जेल में इस तरह की किसी व्यवस्था को नहीं किया जा सकता। इसके लिए जेल प्रशासन से दो दिन में रिपोर्ट तलब की है। जाने अनजाने यदि इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है तो उसे समाप्त किया जाए। उधर, इस संबंध में उप कारागार अधीक्षक सतीश सुखीजा से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं जो विभिन्न जुर्म की सजा जेलों में भुगत रहे हैं। बीते दिनों एक मामले में जेल में सजा भुगत रहे पूर्व पुलिसकर्मी फर्लो पर कुछ दिन के लिए बाहर आए। वह भी अपनी इन पुरानी बातों को याद कर यही बताने लगे। कहा कि उन्हें भी यह बताया जाता था कि यदि जेल में खाना खाया जाए या कुछ वक्त बिताया जाए तो जेल जाने के योग समाप्त हो जाते हैं। इसके लिए जब भी वह कभी काम से जेल में जाते थे तो वहां पर खाना भी खाते थे। बावजूद इसके सालों से जेल में सजा भुगत रहे हैं। उनके कोई दोष इस व्यवस्था या मान्यता से समाप्त नहीं हुए।
संपादन: अनिल मनोचा
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