स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में प्रथम स्थान पर आने पर शनिवार को ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार दिया है। पुरस्कार शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, मेयर अनीता शर्मा, डीएम विनय शंकर पांडेय और मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने प्राप्त किया।
मिली जानकारी के अनुसार, ओवरऑल स्वच्छता सर्वेक्षण में हरिद्वार के देशभर के 382 शहरों में 330वें पायदान और गंगा टॉउन श्रेणी में 75 शहरों में पहले नंबर पर आने की कहानी शहर के लोगों केे गले नहीं उतर रही है। ओवरऑल स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही है। वहीं, गंगा टाउन श्रेणी के सर्वेक्षण के झोल पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
सिटी मजिस्ट्रेट बोले कोई टिप्पणी नहीं
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय का फोन रविवार को बंद रहा। सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि गंगा टाउन श्रेणी में प्रथम पुरस्कार को लेकर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। सितंबर माह में उन्होंने शहर और गंगा घाटों का सफाई व्यवस्था देखने के लिए निरीक्षण किया था। शहर में कूड़े के ढेर और नालियां चोक मिली थी। लोगों ने नियमित रूप से कूड़ा उठान नहीं होने की शिकायत की थी। इस संबंध में नगर आयुक्त को उनकी ओर से पत्र भी जारी किया था।
कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं करने से पिछड़ गए
मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि सफाई व्यवस्था में हरिद्वार को पहला स्थान मिला है। लेकिन ओवरऑल रैकिंग में कागजी औपचारिकताएं पूरी नहीं कर पाने से पिछड़ गए। ओडीएफ और सिटीजन फीड बैक को वेबसाइट पर अपलोड नहीं कर पाए, जिससे रैंकिंग में हरिद्वार के नंबर कट गए। नोडल अधिकारी से इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
हरिद्वार में गंगा घाटों और शहर की सफाई व्यवस्था में काफी सुधार है। गंगा घाटों से सुबह-शाम से कूड़ा उठाया जाता है। श्रद्धालुओं को कूड़े के प्रति जागरूक भी किया जाता है। गार्बेज फ्री के तहत ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इसी का नतीजा है कि पहली बार हरिद्वार को गंगा टाउन श्रेणी में प्रथम स्थान मिला और राष्ट्रपति ने अवॉर्ड दिया है। ओवरऑल स्वच्छता रैंकिंग में सुधार करने के लिए आगे प्रयास किए जाएंगे। कहां क्या कमी रह गई समीक्षा की जाएगी।
– अनीता शर्मा, मेयर हरिद्वार