December 24, 2024

Devsaral Darpan

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754 वें सालाना उर्स- पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच 160 पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था पहुंचेगा कलियर !!

रुड़की;   साबिर पाक के 754 वें सालाना उर्स में आज शुक्रवार को पाक जायरीनों का जत्था रुड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगा। जत्थे में लगभग 160 पाक जायरीन जियारत करने के लिए आ रहे हैं। जबकि दो पाक एंबेसी से होंगे। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच जायरीनों का जत्था कलियर पहुंचेगा। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि पुलिस की सुरक्षा के घेरे में पाक जायरीनों का जत्था रोडवेज की बसों से कलियर पहुंचेगा। जिस जगह पाक जायरीनों को ठहराया जाएगा। वहां पर आम आदमी के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार,  पाक जायरीनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बृहस्पतिवार को सीओ विवेक कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही पुलिस और एलआईयू को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। शुक्रवार को पाकिस्तानी जायरीनों का एक जत्था जियारत के लिए पिरान कलियर पहुंचेगा। रुड़की रेलवे स्टेशन से कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कलियर लाया जाएगा। पाकिस्तानी जत्था साबरी गेस्ट हाउस में ठहरेगा। जिसे लेकर बृहस्पतिवार को सीओ विवेक कुमार, मेला प्रभारी बीएल भारती, थाना प्रभारी मनोहर सिंह भंडारी एवं डॉग स्क्वायड और बीडीएस की टीम ने साबरी गेस्ट हाउस का निरीक्षण किया। सीओ विवेक कुमार ने बताया कि पाक जायरीनों की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पाक जायरीनों  को मेला क्षेत्र से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। गेस्ट हाउस के सामने पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया हैं। गेस्ट हाउस में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स में जायरीनों के रहने के लिए की गई व्यवस्था पूरी तरह से हवा हवाई साबित हुई। बारिश ने प्रशासन के सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है। बारिश से 11 लाख रुपये की लागत बनाया गया अस्थायी रैन बसेरा नाकाफी साबित हुआ। दरगाह ऑफिस के सामने लगाया गया टेंट तेज हवा और बारिश से गिर गया और चारों तरफ पानी भर गया।

उर्स में देश के कोने-कोने से जायरीनों का पहुंचना शुरू हो गया है। उर्स शुरू होने से पहले प्रशासन ने व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे। जायरीनों के रहने की व्यवस्था के लिए दरगाह का लाखों रुपये खर्च कर भी प्रशासन व्यवस्थाएं पूरी नहीं कर पाया। प्रशासन के दावों की पोल एक बारिश ने ही खोलकर रख दी है। रुड़की रोड पर करीब 11 लाख की लागत से एक अस्थायी रैन बसेरा बनाया गया था। जबकि दरगाह कार्यालय के सामने जायरीनों के रुकने के लिए टेंट लगाया था। बुधवार की रात हुई बारिश और तेज हवा के कारण लगाया गया टेंट गिर गया। जो लोग टेंट में रुके हुए थे, उनको सिर छुपाने के लिए इधर उधर भागना पड़ा। जायरीनों को सिर छिपाने की जगह नहीं मिली तो उन्हें बारिश में ही रात गुजारनी पड़ी। जायरीनों का कहना है कि प्रशासन को बाहर से आने वालों के लिए रुकने की व्यवस्था करनी चाहिए।

संपादन: अनिल मनोचा

 

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