उत्तराखंड; सरकार के स्तर पर राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को सौंपे जाने की कवायद शुरू हो गई है। पर्यटन और व्यावसायिक गतिविधि वाले जिन क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को सौंपा जा सकता है, उनके संबंध में मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। 12 अक्तूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में सरकार इस पर मुहर लगा सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की इस तेजी की वजह उच्च न्यायालय का हाल में आया फैसला माना जा रहा है। अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद दायर हुई एक जनहित याचिका पर अदालत ने राज्य सरकार से राजस्व पुलिस की व्यवस्था खत्म करने के बारे में पूछा है। हरकत में आई सरकार अब इस मामले में तेजी से काम कर रही है। बृहस्पतिवार को इस मसले पर मुख्य सचिव ने सचिवालय में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल करने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाने, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के टूरिज्म स्टेट होने के कारण आतिथ्य के क्षेत्र में प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था वी.मुरुगेशन और सचिव चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।