रूस-यूक्रेन युद्ध; यूक्रेन लड़ाई तोपों से शुरू होकर अब मिसाइल वार तक पहुंच गई है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर सोमवार को हुए हमलों से पूरा यूक्रेन दहल गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस की लंबी दूरी की मिसाइलों ने यूक्रेन के ऊर्जा, सैन्य और संचार सुविधाओं को निशाना बनाया है। यूक्रेन के सेना प्रमुख जनरल वलेरी ने ट्वीट करके बताया कि रूसी सेना ने अब तक 83 मिसाइलों दागी हैं। इसमें 43 मिसाइलों को एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए निष्क्रिय कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रूस ने इसमें कौन सी मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इन मिसाइलों की क्या खूबियां है।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को रूस की इस्कंदर मिसाइल ने यूक्रेन में भारी तबाही मचाई है। इस मिसाइल को वर्ष 2006 में रूसी सेना में शामिल किया गया था। इस्कंदर मिसाइल 480 से 700 किलोग्राम तक परमाणु और गैर परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल की गति 5.9 मैक है। इसकी क्षमता से अमेरिका भी हैरान है। यह मिसाइल पारंपरिक वारहेड के साथ न्यूक्लियर वारहेड को भी ले जाने में सक्षम है। रूस ने इस्कंदर मिसाइल के लांचिंग का विडियो जारी कर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराया था।
इस्कंदर मिसाइल सिस्टम में कई तरह के हथियार शामिल है। इस सिस्टम की मिसाइल परमाणु हथियार भी ले जाने में सक्षम हैं। रूस ने स्कड मिसाइल को बदलने के लिए इस्कंदर मिसाइल को शामिल किया है। इस्कंदर मिसाइल सिस्टम को 1988 में डिजाइन किया गया था। इस्कंदर रूस की ऐसी मिसाइल है, जो किसी बड़े महाद्वीप का आधा तट ध्वस्त कर सकती है। रूस की सरमत एक इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह 15,880 मील प्रति घंटे की रफ्तार से लक्ष्य को तबाह करने में सक्षम है। रूस ने कहा कि इस्कंदर और हाइपरसोनिक किंझल मिसाइलों का भी उत्पादन कर रहा है।
सोमवार को रूसी सेना ने यूक्रेन पर टीयू-93 बम से हमला किया। हालांकि, यह दावा पहले से किया जा रहा था कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन में फादर आफ आल बाम्ब का इस्तेमाल कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को इसके लिए आदेश भी दे रखे थे। रूसी टीयू-93 बम को फादर आफ आल बम कहा जाता है। रूस ने इसको वर्ष 2007 में विकसित किया था। इसे दुनिया का सबसे घातक गैर परमाणु हथियार कहा जाता है। इस बम का वजन 7100 किलोग्राम है। यह एक बार में 44टन टीएनटी की ताकत का धमाका कर सकता है। इसकी विनाशकारी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह बम एक बार में करीब 300 मीटर के क्षेत्र को जलाकर राख कर सकता है।
संपादन: अनिल मनोचा