भरतपुर; भुल्लर फार्म पर बंधक बनाए गए यूपी के पुलिसकर्मियों को अगर समय रहते नहीं निकाला जाता तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था। कुंडा कांड को लेकर शनिवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें यूपी पुलिस के जवान फर्श पर पड़े दिखाई दे रहे हैं। वह जान बचाने की दुहाई दे रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, वीडियो में दिख रहा है कि गुरजीत को गोली लगने के बाद उसके परिजनों का आक्रोश चरम पर था। कुंडा पुलिस मौके पर पहुंची तो गोली लगने के कारण यूपी पुलिस के दो जवान फर्श पर पड़े हुए थे। घायल गुरजीत को वहां से भेजा जा चुका था। पुलिस ने किसी तरह घायल सिपाहियों और ठाकुर द्वारा इंस्पेक्टर को वहां से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। कुछ ही देर में गुरजीत की मौत की खबर आ गई और बवाल मच गया।
कुंडा के भरतपुर में हुई फायरिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियों में ठाकुर द्वारा कोतवाल योगेंद्र सिंह जमीन पर बैठे दिख रहे हैं। पास में दो सिपाही घायल हालत में फर्श पर पड़े हैं। उनमें से एक सिपाही लहुलुहान है तो दूसरे सिपाही के भी पैर में गोली लगी है। वीडियों में कुंडा थाना प्रभारी और थाने के दो सिपाही भी दिख रहे हैं।
ज्येष्ठ उपप्रमुख के पिता छिन्दर सिंह यूपी पुलिस के सिपाही की ओर इशारा करते हुए यह कहते सुनाई पड़ रहे है कि इसने मेरी बेटी को गोली मारी है, अगर मेरी बेटी को कुछ हो गया तो हम इन्हें नहीं छोड़ेंगे। घायल सिपाही बार-बार हाथ जोड़कर अपनी जान की भीख मांगते नजर आ रहे हैं। कुंडा एसओ दिनेश फर्त्याल के पूछने पर परिजनों ने बताया कि फायरिंग करने के बाद एक पुलिसकर्मी कार लेकर भाग रहा था। उसे करनपुर में नशा मुक्ति केंद्र के पास पकड़ा है।
इस दौरान गुरजीत के परिवार से कोई व्यक्ति फोन पर किसी को यह जानकारी देते नजर आ रहा है कि यूपी के पुलिस वालों ने जगतार की पत्नी को गोली मार दी है। परिजन कुंडा एसओ फर्त्याल से यह भी शिकायत कर रहे हैं कि यूपी पुलिस बगैर वर्दी के उनके घर में कैसे घुसी और उसने कुंडा थाना पुलिस को दबिश की सूचना क्यों नहीं दी।
कुंडा थाना प्रभारी ने बताया कि गुरजीत की हालत नाजुक होने के कारण वहां बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों की जान को खतरा था। उन्होंने किसी तरह पुलिसकर्मियों को गाड़ी में डालकर अस्पताल पहुंचाया। तीन मिनट बाद ही गुरजीत की मौत हो जाने की खबर मिल गई। एसओ ने बताया कि अगर समय रहते यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर और सिपाहियों को वहां से नहीं निकाला जाता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
संपादन: अनिल मनोचा