उत्तराखंड; हाई वोल्टेज की वजह से अगर इलेक्ट्राॅनिक उपकरण फुंकते हैं तो यूपीसीएल को दस गुना अधिक मुआवजा देना होगा। नए विनियम में बिजली के कनेक्शन और बिलों में गड़बड़ी के लिए भी समयसीमा तय कर दी गई है। इसमें लेटलतीफी पर यूपीसीएल को झटका लगेगा।
नए एलटी कनेक्शन : 15 दिन में कनेक्शन न देने पर उपभोक्ताओं को जमा राशि पर प्रति एक हजार पर पांच रुपये का मुआवजा। अधिकतम 500 रुपये प्रतिदिन।
नए एचटी कनेक्शन : 60 दिन में 11 केवी का कनेक्शन न देने पर 500 रुपये प्रतिदिन का मुआवजा मिलेगा।
लोड में कमी या बढ़ोतरी : एलटी कनेक्शन में 15 दिन और एचटी या ईएचटी में 30 दिन में निस्तारण न करने पर 50 रुपये प्रतिदिन मुआवजा।
फ्यूज उड़ने, एमसीबी ट्रिप, सर्विस लाइन टूटने पर : शहरी क्षेत्रों में चार घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे, दुर्गम क्षेत्रों में 12 घंटे में आपूर्ति बहाल न हुई तो 20 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा देना होगा। पूरा मोहल्ला प्रभावित होने पर हर उपभोक्ता को दस रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।
एलटी लाइन में कमी : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 12 घंटे, पर्वतीय क्षेत्रों में 24 घंटे में आपूर्ति बहाल न हुई तो प्रति उपभोक्ता प्रति घंटे 20 रुपये और सामूहिक बिजली गुल होने पर पूरे मोहल्ले या गांव को प्रति उपभोक्ता दस रुपये प्रति घंटा देय होगा।
बिजली लाइन, ट्रांसफार्मर की मरम्मत : यूपीसीएल को एलटी लाइन 15 दिन और एचटी लाइन 90 दिन में ठीक न की तो हर उपभोक्ता को 200 रुपये प्रतिदिन और सामूहिक रूप से प्रभाव होने पर प्रति उपभोक्ता 100 रुपये प्रतिदिन हर्जाना चुकाना पड़ेगा।
एलटी या एचटी लाइन लगाने पर : एलटी लाइन 90 दिन और एचटी लाइन 180 दिन में न बिछाई तो उपभोक्ता को 200 रुपये प्रतिदिन, सामूहिक रूप से 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देना होगा।