उत्तराखंड; विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने पीठ से कड़क संदेश दिया। स्पीकर ने विधायकों को सदन में रहने के दौरान फोन इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी ने कहा कि सत्र के पहले दिन कई विधायक फोन का इस्तेमाल करते रहे। कहा कि फोन का इस्तेमाल करते हुए विधायक पाए गए तो कर्रवाई होगी। उन्होंने अधिकारियों को भी हिदायत दी।
लोक सेवा आयोग में भर्ती पर उठे सवाल : कांग्रेस नेता भुवन कापड़ी ने लोक सेवा आयोग में भर्ती पर सवाल उठाए। कहा कि यूकेएसएसएससी ने जो भर्तियां कराई, उनमें खुलकर भ्रषटाचार सामने आया। हमने सीबीआई जांच की मांग की थी। 45 की गिरफ्तारी हो गई लेकिन केवल तीप महीने में 27 की जमानत हो चुकी है।
अभियोजन पक्ष के वकील पैरवी नहीं कर रहे। 2017 में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में 17 पर केस हुआ। सरकार के वकील खड़े नहीं हुए और उन्होंने अपने केस कंपाउंड करा लिए।
राज्य लोक सेवा आयोग को परीक्षा की जिम्मेदारी दी, लेकिन युवाओं को भरोसा नहीं है। सहायक अभियंता की परीक्षा कराई जिसका रिजल्ट मई में आया। कनिष्ठ अभियंता की भर्ती जुलाई में आई। उसके रोल नंबर दिए गए लेकिन कटऑफ और स्टूडेंट्स के नाम नहीं दिए। पॉलीटेक्निक भर्ती में अनुसूचित जाति की एक पोस्ट के सापेक्ष पांच के बजाय आठ को बुलाया गया। 8वें नंबर वाले को इंटरव्यू में पहला नंबर देकर उसे नौकरी दे दी।
कहा कि उपनल से काम कर रहे लोगों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। कोई ऐसा नियम बनना चहिए जिसमें 10 साल से काम कर रहे लोगों को नियमित किया जाए। आउट सोर्सिंग एजेंसी ने उत्तराखंड को लूटने का काम किया है। एक विभाग ब्लैक लिस्ट करता है, दूसरा विभाग उस एजेंसी को काम दे देता है। रोजगार की सुरक्षा को नियमावली बननी चाहिए।
बेरोजगारी और भर्ती घोटाले पर विपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में बेरोजगारी और भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले में शामिल लोग सत्ता के करीबी थे। उनकी उच्च अधिकारियों से सांठगांठ थी। सरकार की नीयत साफ नहीं थी। अगर सरकार ईमानदार होती तो सीबीआई जांच कराती। जो घोटाले के मास्टरमाइंड थे, सरकार की लचर पैरवी की वजह से वे जेल से बाहर आ गए। वहीं, आयोग की कई परीक्षाओं में नकल माफिया सक्रिय हैं। सुमित और गोस्वामी ने सेना में नौकरी न मिलने पर आत्महत्या कर ली। आज प्रदेश के युवाओं का विश्वास सरकार से उठ गया है। कहा कि सरकार क्यों इसकी सीबीआई जांच को तैयार नहीं। हाकम सिंह एक मोहरा है, और भी कई लोग हैं जिनकी संलिप्तता रही है। सरकार यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष एस राजू को क्यों बचा रही है।
संपादन : अनिल मनोचा