उत्तराखंड; सात दिन के विधानसभा सत्र को दो दिन में निपटाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर समय से पहले मैदान छोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि बगैर बिजनेस सत्र चलाना बेईमानी है। सत्र और सदन करदाताओं के पैसे से चलता है।
मिली जानकारी के अनुसार, माहरा ने कहा कि उत्तराखंड की कार्य संचालन समिति ने सत्र चलाने के लिए एक वर्ष में कम से कम 60 दिन निर्धारित की थी, लेकिन इसे राज्य का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष में 15 से 18 दिन सत्र बमुश्किल चल पाता है। उन्होंने कहा कि 70 विधानसभाओं की अपनी-अपनी दिक्कतें और परेशानियां हैं। इतनी अल्प अवधि का यदि सत्र चलेगा तो आम जनता की समस्याओं का निवारण किस तरह से हो पाएगा।
महारा ने कहा कि प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार के बावजूद विपक्ष के सवालों से धामी सरकार इतना घबराई हुई है कि पिछले पांच साल के कार्यकाल में सोमवार को कभी सत्र आहूत नहीं किया गया। इस दिन मुख्यमंत्री के अधीन जितने विभाग हैं, उन पर प्रश्न लगे होते हैं, जबकि सबसे अधिक विभाग मुख्यमंत्री के पास ही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रचंड बहुमत की सरकार के मुखिया होने के बावजूद भी इतना आत्मविश्वास खुद के अंदर नहीं पाते हैं कि वह सवालों का सामना कर पाएं।
संपादन: अनिल मनोचा