उत्तराखंड धर्मांतरण मामलों में क्या कार्रवाई की सरकार : माहरा ने कहा कि बीजेपी ने धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के विभाजनकारी एजेंडे ने प्रदेश को नुकसान पहुंचाया है। सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि राज्य सरकार के सात साल के कार्यकाल में कितने मामले धर्मांतरण के दर्ज हुए हैं और उनमें क्या कार्यवाही हुई है।
जो बिजनेस आया उसे दो दिन में पूरा किया : सत्र समाप्ति के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए सरकार से जो बिजनेस आया उसे दो दिन में पूरा किया गया। इसके चलते सत्र आगे नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि सत्र के लिए ज्यादा समय होना चाहिए ये बात सही है, लेकिन सत्र और सदन करदाताओं के पैसे से चलता है। जब कोई बिजनेस नहीं होगा तो मेरे लिए सत्र चलाना बेईमानी होगा। किसी का राजनीतिक एजेंडा हो सकता है। उसके लिए सत्र सात या 10 दिन चलाया जाए। यह करदाताओं के साथ खिलवाड़ होगा। उन्होंने कहा कि बिजनेस होगा तो सत्र जितने भी दिन का होगा, उसे चलाएंगे। स्पीकर ने कहा कि दो दिन के सत्र में कई अच्छे मुद्दों पर चर्चा और विचार विमर्श किया गया, जिसमें महिला आरक्षण बिल भी पारित किया गया। 22 सालों से प्रदेश की महिलाएं व बहनें इसकी लड़ाई लड़ रही थीं। आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित होना एक ऐतिहासिक कदम है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर इस बात की चर्चाएं चल रही थी कि 182 कर्मचारियों के साथ सत्र कैसे चलेगा। जबकि सदन बेहतर ढंग से चला है। इसके लिए उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों के काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा के लिए विधायकों को अपने आचरण व व्यवहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में जो भी कार्यक्रम होते हैं, उसकी सूचना विधायकों को मिलनी चाहिए। इसके साथ ही विकास योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास पट्टिका में विधायक का नाम होना चाहिए। इसके लिए पीठ से भी निर्देशित किया गया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय इस विषय को पूरी तरह से पालन करने पर गंभीरता से विचार करेगा।