उत्तराखंड ; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेशक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के फोन उठाने और जनहित से जुड़े मुद्दों पर समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कुछ जिलों में इनका पालन नहीं हो रहा है। भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के सामने जब अपना दर्द बयान किया तो अब सभी पुलिस कप्तानों को ताकीद किया गया है कि वे हर महीने स्थानीय विधायकों के साथ समन्वय बैठक करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, विधानमंडल दल की बैठक में कई विषय आए। एक विषय यह भी था कि पूर्व में पुलिस कप्तान स्थानीय विधायकों के साथ समन्वय बैठक करते थे, लेकिन कई जिलों में अब यह बैठकें नहीं हो रही हैं। जिन विषयों पर चर्चा हुई, उन पर अब सरकार के स्तर से क्रियान्वयन शुरू हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक, सत्र के दौरान भी विधायकों ने यह मसला सीएम से उठाया था। सीएम ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को ताकीद किया और इसके बाद सभी पुलिस कप्तानों को समन्वय बैठक के निर्देश जारी किये गए। फोन उठाने के मामले में अफसरों की अनदेखी से पार्टी विधायक व प्रदेश प्रवक्ता खजानदास बेहद क्षुब्ध हैं।
वह कहते हैं, मुख्यमंत्री के बार-बार निर्देश के बाद भी कोई फोन उठाने को तैयार नहीं। माना कि व्यस्तता के कारण कई बार तत्काल फोन रिसीव नहीं हो पाता, लेकिन कॉल बैक तो की ही जा सकती है। हम जनता के प्रतिनिधि हैं, हमें उनके मसलों को लेकर पुलिस से बात करनी होती है। अधिकारी भी जन सेवा के लिए ही हैं, जब दोनों का एक ही उद्देश्य है, तो फिर संवादहीनता क्यों होनी चाहिए। बकौल खजानदास, अच्छा है कि डीजीपी के निर्देश के बाद पुलिस कप्तान के स्तर पर समन्वय बैठकें होंगी, यह जनहित में होगा।
संपादन: अनिल मनोचा