December 26, 2024

Devsaral Darpan

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उत्तराखंड- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उठाया मुद्दा !!

उत्तराखंड के मंडुवा, झंगोरा, बाजरा समेत अन्य उत्पादों से बने पहाड़ी व्यंजन अब स्थानीय फ्लाइटों में यात्रियों को परोसे जाएंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के प्रस्ताव पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सहमति दे दी है। उन्होंने पहाड़ी व्यंजनों की सूची भी मांगी है।

मिली जानकारी के अनुसार,  सोमवार को कैबिनेट मंत्री महाराज ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री सिंधिया से मुलाकात की। उन्होंने उत्तराखंड से आने-जाने वाली फ्लाइटों में यात्रियों को राज्य के व्यंजन परोसने और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मंडुवा, झंगोरा समेत अन्य उत्पादों से कई तरह के व्यंजन तैयार किए जाते हैं।

इनमें न्यूट्रीशियन की मात्रा अधिक होती है। उत्तराखंड से कनेक्ट फ्लाइटों में यात्रियों को इन व्यंजनों को परोसने से एक पहचान मिलेगी। इसके साथ ही मार्केटिंग की भी सुविधा मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने सहमति जताते हुए राज्य के व्यंजनों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है। महाराज ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर भारत में पर्यटन, योग व आस्था का प्रमुख केंद्र है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के अलावा सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आवश्यकता है।

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए प्रक्रिया के मुताबिक करें आवेदन : महाराज ने बताया कि राज्य में जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार व अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए जौलीग्रांट में 1200 हेक्टेयर और पंतनगर में 1100 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने महाराज को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने की जानकारी देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया के अनुसार आवेदन करें। इसमें केंद्र की ओर से पूरा सहयोग किया जाएगा।

इन पहाड़ी उत्पादों से तैयार होगा व्यंजन : मंडुवा और बाजरा से बने सैंडविच, समोसे, इडली, केक, बिस्कुट, पिजा, वेज पुलाओ, मुजकेक, मोमो, घेवर, स्प्रिंग रोल, झंगोरे की खीर, ढोकला, पोहा, बाल मिठाई समेत अन्य कई पहाड़ी व्यंजन हैं, जिन्हें हवाई सेवा के दौरान यात्रियों को परोसा जा सकता है। इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) ने भी पहाड़ी उत्पादों से लगभग 150 व्यंजन तैयार किए हैं।

संपादन: अनिल मनोचा

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