उत्तराखंड; सचिवालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 20 प्रस्तावों को हरी झंडी मिली। बैठक में प्रदेश की नदियों, नालों और खालों से करीब 20 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता का दोहन करने की राह आसान कर दी। हिमाचल प्रदेश की जलविद्युत नीति 2022 के अनुरूप उत्तराखंड में भी जल विद्युत नीतियों में संशोधन के प्रस्ताव को चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई।
मिली जानकारी के अनुसार, सिर्फ एक लाख रुपये विकास शुल्क देना होगा तो वहीं पुरानी अटकीं योजनाओं को दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किया जा सकेगा। परियोजना की खुदाई के दौरान निकलने वाले माल से ही निर्माण कार्य कर सकेंगे, स्टोन क्रशर भी लगा सकेंगे। प्रोजेक्ट की अवधि उसके संचालन से मानी जाएगी। 25 मेगावाट तक के सभी प्रोजेक्ट का यूपीसीएल को अनिवार्य पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीपी) करना होगा।
संपादन: अनिल मनोचा