उत्तराखंड; विद्युत नियामक आयोग ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की ओर से दिया गया बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी का प्रस्ताव वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। अब आयोग इस पर जनसुनवाई के बाद निर्णय लेगा, जिसके बाद नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।
मिली जानकारी के अनुसार, यूपीसीएल ने 15 दिसंबर को जो प्रस्ताव नियामक आयोग में भेजा था, उसमें नियमविरुद्ध 6.5 प्रतिशत सरचार्ज भी जोड़ लिया था। आयोग ने प्रस्ताव लौटाया तो यूपीसीएल ने 26 दिसंबर को नया प्रस्ताव दिया। इसमें सरचार्ज हटाकर 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की गई।
नियामक आयोग ने यूपीसीएल के इस प्रस्ताव को सभी हितधारकों के लिए वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इसमें यूपीसीएल ने माना है कि उन्हें सरचार्ज हटाने के बाद 1507 करोड़ 13 लाख रुपये की जरूरत होगी, जिसकी भरपाई के लिए उन्हें 16.96 प्रतिशत बढ़ोतरी की दरकार है।
क्रॉस सब्सिडी में भी कमी के बजाए बढ़ोतरी का प्रस्ताव : नियम के हिसाब से क्रॉस सब्सिडी में हर साल कमी करनी होती है लेकिन यूपीसीएल ने संशोधित प्रस्ताव में कुछ को छोड़कर ज्यादातर में बढ़ोतरी की मांग की है। घरेलू श्रेणी में -19.80 से बढ़ाकर -23.86 प्रतिशत, अघरेलू में 15.90 से बढ़ाकर 17.27 प्रतिशत, गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी श्रेणी में 14.20 से घटाकर 11.66 प्रतिशत, प्राइवेट ट्यूबवेल में -62.70 से बढ़ाकर -66.05 प्रतिशत, एलटी इंडस्ट्री में 8.40 से 9.30, एचटी इंडस्ट्री में 9.20 से 9.82, मिक्स्ड लोड में 3.20 से 1.26, रेलवे ट्रैक्शन में 11.80 से -5.61 और इलेक्ट्रिक व्हीकल में -6.60 से 12.04 प्रतिशत की मांग की गई है। क्रॉस सब्सिडी का मतलब यह है कि अगर 100 रुपये के खर्च वाली बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को 80 रुपये में दी जाती है तो उसकी भरपाई के लिए उद्योगों या अन्य जगहों पर वह 120 रुपये में बेची जाती है।
वर्तमान में जो दरें हैं, उनमें सरचार्ज जुड़ा हुआ है। हमने 16.96 प्रतिशत का जो प्रस्ताव दिया है, उसके संबंध में नियामक आयोग से सोमवार को बात करेंगे। ताकि 1507.13 करोड़ का जो गैप है, उसकी भरपाई का रास्ता निकले।
– अजय अग्रवाल, निदेशक, प्रोजेक्ट, यूपीसीएल
संपादन: अनिल मनोचा