December 26, 2024

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उत्तराखंड- सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई मुहर, नोटबंदी मोदी सरकार का असरदार फैसला, सीएम धामी बोले !!

उत्तराखंड;  नोटबंदी मोदी सरकार का असरदार तरीका और फैसला था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इससे साबित हो गया कि पीएम मोदी का यह फैसला देशहित में था। सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कालाधन खत्म करने को लेकर किए गए नोटबंदी के फैसले का हर व्यक्ति ने स्वागत किया था, लेकिन विपक्ष के पेट में न जाने क्यों दर्द हो रहा था।

मिली जानकारी के अनुसार,  अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि नोटबंदी से पहले सरकार और आरबीआई के बीच बातचीत हुई थी। इससे विपक्ष का यह आरोप झूठा साबित हुआ है, जिसमें वह कहा जा रहा था कि नोटबंदी केंद्र सरकार का मनमाना फैसला था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी जाली करेंसी, टेरर फंडिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था।

नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: भट्ट
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह विपक्षियों के मुंह पर तमाचा है।  महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि झूठ फैलाने वालों को जनता 2019 व अन्य चुनावों में राजनीतिक जवाब पहले ही दे चुकी है। अब उन्हें कानूनी जवाब भी सुप्रीम अदालत से मिल गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने कांग्रेस समेत उन सभी पार्टियों की पोल भी खोल दी, जो नोटबंदी को घोटाला बताकर जनता में भ्रम फैलाते रहते हैं।

अदालत ने नोटबंदी की प्रक्रिया को सही ठहराया, नोटबंदी को नहीं : माहरा 
मोदी सरकार की ओर से वर्ष 2016 में की गई नोटबंदी का कांग्रेस हमेशा विरोध करती रही है। अब इस मामले में शीर्ष अदालत का निर्णय आने के बाद भी पार्टी अपने रूख पर कायम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि शीर्ष अदालत ने न्यायालय ने नोटबंदी की प्रक्रिया को सही कहा है ना की नोटबंदी को। कांग्रेस पार्टी आज भी अपने स्टैंड पर कायम है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एक न्यायाधीश ने इस फैसले में असहमति व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले में संसद को दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए था। माहरा ने कहा कि नोटबंदी के कारण आर्थिक विकास की गति को नुकसान पहुंचा, लाखों लोग बेरोजगार हो गए, सैकड़ों लोगों की मौतें हो गईं। उस दौरान पैसों की कमी की वजह से ना लोग उपचार करा पाए ना अपनी बहन बेटियों की शादी करा पाए।

संपादन: अनिल मनोचा

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