उत्तराखण्ड; प्रदेश में बिजली संकट की आशंकाओं के बीच कम बारिश के चलते पानी का भी संकट पैदा हो सकता है। एक जनवरी से 27 फरवरी के बीच सामान्य के मुकाबले 62 प्रतिशत कम बारिश हुई है। संकट को देखते हुए पेयजल विभाग ने एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी से 27 फरवरी के बीच 99.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी लेकिन हुई महज 37.3 मिमी। जल संस्थान की सीजीएम नीलिमा गर्ग के मुताबिक पेयजल किल्लत से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में मंगलवार को केंद्रीय कोटे से मिल रही 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति बंद हो जाएगी। इससे बिजली का संकट भी बढ़ सकता है।