उत्तराखंड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ऊर्जा विभाग टीएचडीसी इंडिया लि. में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी की जंग को और तेज करेगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले में मजबूत पैरवी के लिए सरकार एक बार फिर नामी वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की सेवाएं लेगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछली कैबिनेट की बैठक में शासन के अधिकारियों को ताकीद किया था कि टीएचडीसी में हिस्सेदारी के लिए अदालत में मजबूत पैरवी की जाए। सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के दौरान इस मामले में अदालत में सक्रिय पैरवी के चलते उत्तराखंड के पक्ष में शुरुआती निर्णय आए हैं।
उत्तर प्रदेश की हीलाहवाली के चलते न्यायालय में कई साल वाद लंबित था।सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार की पहल पर कोर्ट ने एक्स पार्टी आर्डर कर दिया था। यूपी ने वाद पुनर्स्थापित करने की अर्जी दी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर दिया। यूपी इस मामले को लटकाना चाहता है, लेकिन राज्य सरकार की पहल पर इस प्रकरण में वाद बिंदू तय हो चुके हैं।
अप्रैल में इस मामले में सुनवाई होने के आसार : अब कोर्ट में मौखिक साक्ष्य होने हैं। सरकार न्यायालय में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध करेगी, ताकि जल्द से जल्द तारीख मिल जाए। अप्रैल में इस मामले में सुनवाई होने के आसार हैं। कोर्ट में पैरवी के लिए सरकार प्रसिद्ध अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का सहयोग लेगी।
उत्तराखंड सरकार जीती तो हर साल मिलेंगे 1000 करोड़ : सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक न्यायालय में फैसला यदि सरकार के पक्ष में आया तो टीएचडीसी से सरकार को हर साल 1000 करोड़ रुपये का फायदा होगा। यह धनराशि अगले कुछ वर्षों में 1500 से 2000 करोड़ तक हो सकती है, क्योंकि टीएचडीसी के राज्य और राज्य से बाहर परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इन सभी परियोजनाओं में उत्तराखंड को 25 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी।