उत्तराखंड; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हित के लिए जरूरत पड़ेगी तो जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाएंगे। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट 30 जून तक फाइनल हो जाएगा। कहा कि यूसीसी पर हमारा ड्राफ्ट दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा।
सीएम ने कहा कि धार्मिक एजेंडे के नाम पर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ प्रदेश सरकार बेहद कठोरता के साथ कार्रवाई करेगी। जिलाधिकारियों को ऐसे मामलों में अभियान चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं। हम एक अध्यादेश भी ला रहे हैं, जिसमें भूमि खरीद की प्रक्रिया में व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच को अनिवार्य बनाया जाएगा।
अमर उजाला से बातचीत में धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का अपना एक धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक स्वरूप है, इसे बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। यूपी सरकार की जनसंख्या नियंत्रण कानून की पहल पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के हित में हमारे लिए जो भी जरूरी होगा, वह हम करेंगे। जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत पड़ेगी तो वह भी लाएंगे।
कहा, राज्य में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए हमने सख्त धर्म स्वतंत्रता कानून लागू किया है। इस कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। अब हम समान नागरिक संहिता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञ समिति ने मुझे 30 जून तक ड्राफ्ट फाइनल होने के बारे में जानकारी दी है। समिति का कार्यकाल 27 मई को पूरा हो रहा है, इसे आगे बढ़ा दिया जाएगा।
सीसी दूसरे राज्यों के लिए नजीर : मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट देश के दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया गया।
हर धर्म के लोगों के लिए होगी समान व्यवस्था : राज्य में यूसीसी लागू हो जाने के बाद हर धर्म के लोगों के लिए एक समान कानूनी व्यवस्था होगी। न्यायालयों में चल रहे संपत्ति से जुड़े मामलों से छुटकारा मिल जाएगा।
उत्तराखंड का मूल स्वरूप नहीं बिगड़ने देंगे : मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का मूल स्वरूप नहीं बिगड़ने दिया जाएगा। यूसीसी, धर्मांतरण कानून, सत्यापन अभियान के बाद अब हमने भूमि खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की जांच कराने का फैसला लिया है। मैंने कैबिनेट में मसला उठाया और अब इस पर एक अध्यादेश भी ला रहे हैं। एक मैनुअल तैयार होगा, जो उस पर फिट होगा, उसे ही भूमि खरीदने की इजाजत दी जाएगी। जिलाधिकारियों को भूमि संबंधी घोटालों के मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए टास्क फोर्स बनाई गई है, जो ऐसे मामलों में आवश्यकता पड़ने पर गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।