April 20, 2025

Devsaral Darpan

News 24 x 7

उत्तराखंड- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोदियाल ने कहा, कहीं ये भगवान के नाम पर कर चोरी तो नहीं, मंदिर के गर्भगृह में सोन की परत पर घमासान !!

उत्तराखंड;  केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने आशंका जताई है कि इसके पीछे कर चोरी का मामला हो सकता है। उन्होंने सरकार से एसआईटी गठित कर इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। ताकि हिंदुओं के आस्था के केंद्र के नाम पर हो रही तमाम तरह की शंकाओं से बादल छंट सकें।

बुधवार को पीसीसी में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि जब गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा था, तब बीकेटीसी ने कहा कि एक दानी की ओर से 230 किलो सोना दान दिया जा रहा है। लेकिन जब सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठे, तब बीकेटीसी ने केवल 23 किलो सोने की बात कही। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 207 किलो सोना कहां चला गया?

गोदियाल ने कहा दरअसल, यह मामला 80-जी आयकर प्रमाणपत्र का है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में भी इसी कारोबारी ने 50 किलो सोना बदरीनाथ के लिए दिया था। बाद में सोने का रंग उतर गया और तांबा दिखाई देने लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मंदिर समिति की ओर से 23 किलो सोना दान दिया जाना अपने रजिस्टर में दर्ज किया गया और 80-जी का सर्टिफिकेट दिया गया, तब प्राप्त सोने की किसी विशेषज्ञ से जांच क्यों नहीं कराई गई? उन्होंने कहा कि सोने की परत उतरने पर अब एक्रेलिक शीट लगाई जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर गर्भ गृह में वाकई में सोना लगा था तो वह मात्र तीन माह में पानी से कैसे उतर गया? उन्होंने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराए जाने की मांग की है। एसआईटी में धातु के विशेषज्ञ, पुलिस, ईडी और आयकर के अधिकारियों को भी शामिल करने की मांग की है।

जिस दानदाता ने केदारनाथ में स्वर्णंजड़ित प्लेटें लगवाईं, उसी ने 2005 में तत्कालीन कांग्रेस शासनकाल में बदरीनाथ मंदिर में सोना दान किया था। तब कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं हुई। कांग्रेस केदारनाथ धाम की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
-सुरेश जोशी, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

केदारनाथ भगवान के गर्भ गृह में महाराष्ट्र के श्रद्धालु ने जो सोने का जो काम कराया है, उस पर संदेह करना व्यर्थ है। मंदिर समिति ने पूरी पारदर्शिता से काम किया है। उसे राजनीतिक रूप न दिया जाए। ये श्रद्धा का विषय है, राजनीति का नहीं। जो लोग शिगूफे छोड़ रहे हैं, मैं उनकी निंदा करता हूं। भक्तों की भावनाओं को आहत न करें। केदारनाथ हिंदू धर्म का उत्तर भारत का सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग है। इस तरह की जो लोग बातें करते हैं, उसका प्रत्यक्ष प्रमाण भगवान केदारनाथ ने अपना रौद्र रूप दिखाकर किया है।
– महंत रविंद्रपुरी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

दानदाता की ओर से न तो 80-जी का सर्टिफिकेट मांगा गया और न ही अपने नाम की अपेक्षा की गई। मंदिर समिति ने किसी भी स्तर से आधिकारिक रूप से 230 किग्रा सोने की बात नहीं कही। पहले गर्भगृह में चांदी की प्लेटें लगी थींं। उनका वजन 230 किग्रा था। मीडिया में यह बात फैल गई कि 230 किग्रा सोना लगेगा। गर्भ गृह में एक हजार किलो तांबे की प्लेटें हैं इन पर 23 किलो सोने की परत चढ़ाई गई है।
– अजेंद्र अजय, अध्यक्ष बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति

news