December 23, 2024

Devsaral Darpan

News 24 x 7

देहरादून- इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने दिल्ली से किया गिरफ्तार, आरोपी ने दून के एक बुजुर्ग से तिरालीस लाख रुपये थे ठगे !!

देहरादून; इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के सरगना को एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने दून के एक बुजुर्ग से 43 लाख रुपये ठगे थे। पांच सालों से लगातार बुजुर्ग को कई तरह का डर दिखाकर यह रकम ठगी गई थी। आरोपी दिल्ली में रहकर बीते छह सालों से गिरोह चला रहा था।

एसटीएफ इसके साथियों की तलाश कर रही है। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि गत पांच मई को अनसुया प्रसाद थपलियाल निवासी कौलागढ़ रोड, राजेंद्रनगर ने शिकायत की थी। उन्हें पांच साल पहले एक नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को आईआरडीए का अधिकारी बताया। उसने उनकी सभी इंश्योरेंस पॉलिसी की सही-सही जानकारी दी।

इसके बाद कहा कि ये पॉलिसी बंद होने वाली हैं। लिहाजा चालू करने के लिए उन्हें कुछ रुपये जमा कराने होंगे। इस पर बुजुर्ग मान गए और उन्होंने शुरुआत में पांच हजार रुपये जमा कर दिए। इसके बाद फिर से उन्हें इसी तरह से फोन आया और कहा कि इन पॉलिसी पर टैक्स बचत के लिए कुछ जरूरी औपचारिकताएं की जाएंगी।

दिल्ली एनसीआर में बैठकर करता था गैंग ठगी :  बुजुर्ग ने फिर उनके खातों में पैसे जमा कर दिए। इसके बाद कभी इनकम टैक्स अधिकारी तो कभी किसी अन्य विभाग का अधिकारी बनकर डराया गया। उनसे कभी टैक्स तो कभी फीस के नाम पर रुपये जमा कराते रहे। इस तरह आरोपी पांच साल तक बुजुर्ग के साथ ठगी करता रहा।

कुल मिलाकर उनसे विभिन्न खातों में 43 लाख रुपये जमा करा लिए गए। बुजुर्ग को गत मई माह में अपने साथ हो रही इस ठगी का पता चला तो उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। इस पर मुकदमा दर्ज करने के बाद मोबाइल नंबर और खातों की जांच की गई। मालूम हुआ कि यह गैंग दिल्ली एनसीआर में बैठकर इस तरह की ठगी करता है।

इस पर ईस्ट दिल्ली के भडाना मोहल्ला, दल्लूपुरा गांव के रहने वाले अजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके पास से छह मोबाइल फोन, पांच सिम और अन्य सामग्री बरामद हुई। उसके मकान से 47 हजार रुपये नकद भी बरामद किए गए। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर इसी तरह लोगों को ठगता है।

अब तक खोले 150 बैंक खाते : आरोपी की जांच करने से पता चला कि उसने अब तक 150 बैंक खाते खुलवाए हैं। यह सब खाते अन्य लोगों की आईडी पर हैं। खाता खोलने के लिए वह व्यक्ति को 10 हजार रुपये देता था। उसने पूछताछ में बताया कि इस काम में वह छह सालों से है। उसका कमाई का और कोई जरिया नहीं है। इससे उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है।

एक-दूसरे के बारे में ज्यादा नहीं जानते गैंग के सदस्य, बांटे हुए हैं काम :

एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह के लोग एक दूसरे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं। इनमें से किसी के पास लोगों को फंसाने जिम्मा होता है तो कोई डाटा इकट्ठा कर आरोपी को दे देता है। इसके साथ ही खाता खोलने की जिम्मेदारी आरोपी अजीत ने अपने पास रखी थी। उसके खिलाफ कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। अजीत इससे पहले पांच करोड़ रुपये की ठगी में 2021 में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी का एक साथी जयपुर और एक महाराष्ट्र में भी रहता है।

news