1988 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. संधु जुलाई 2021 में मुख्य सचिव बने थे। उस समय में डॉ. एनएचएआई के अध्यक्ष पद पर थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने डॉ. संधु को उत्तराखंड के लिए रिलीव किया था और सोशल मीडिया पर बाकायदा यह जानकारी साझा भी की थी।
प्रशासनिक तंत्र की कमान हाथों में आने के बाद डॉ. संधु ने सचिवालय से प्रशासनिक सुधारों की धीरे-धीरे शुरूआत की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टिकरण के मंत्र के अनुरूप सचिवालय में ई-फाइलिंग से लेकर नियमित समीक्षाओं और प्रशासनिक अधिकारियों के फील्ड दौरों तक के फैसलों को फाइलों से बाहर निकालने के प्रयास हो रहे हैं। साथ ही सीएम धामी के 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणीय राज्य बनाने के संकल्प में मुख्य सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम की खास भूमिका है। ऐसी स्थितियों में मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
यूपी और एमपी की भाजपा सरकारों में सीएस को दिया जा चुका सेवा विस्तार : धामी सरकार यदि मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देती है तो यह कोई अनोखी बात नहीं होगी। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों में भी मुख्य सचिवों को सेवा विस्तार दिया गया है। यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र सेवा विस्तार पर हैं। एमपी के सीएस इकबाल सिंह बैंस को भी सेवा विस्तार मिला है।
विदा हुए तो एससीएस राधा रतूड़ी को मिलेगी कमान : मुख्य सचिव डॉ. संधु को यदि सेवा विस्तार नहीं मिलता है और वह सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो उनकी जगह वरिष्ठ नौकरशाह राधा रतूड़ी शासन की कमान संभालेंगी। रतूड़ी 1988 बैच की आईएएस अफसर हैं और उनका मार्च 2024 तक कार्यकाल शेष बचा है।
गढ़वाल आयुक्त का कार्यकाल भी आज होगा पूरा : गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार का कार्यकाल भी 30 जून को पूरा जाएगा। वह तीन माह के सेवा विस्तार पर हैं। माना जा रहा है कि सरकार उन्हें एक माह का सेवा विस्तार दे सकती हैं। हालांकि प्रशासनिक हलकों में यह भी चर्चा है कि सचिव औद्योगिक विकास विनय शंकर पांडेय को गढ़वाल आयुक्त की जिम्मेदारी दी जा सकती है।