December 23, 2024

Devsaral Darpan

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उत्तराखण्ड- गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की ऑनलाइन बैठक में अशासकीय कॉलेजों की असंबद्धता पर दूसरी बैठक में भी लगी मुहर, हुआ मामूली संशोधन !!

उत्तराखण्ड;  गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने रविवार को हुई ऑनलाइन बैठक में 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की असंबद्धता पर मुहर लगा दी है। पुरानी बैठक का यह निर्णय पुष्टि के लिए बैठक में लाया गया था। हालांकि, इसमें मामूली संशोधन किया गया है।

परिषद की बैठक सोमवार को प्रस्तावित थी, लेकिन रविवार को ही वर्चुअल बैठक कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पुरानी बैठक के फैसलों को पुष्टि के लिए लाया गया था। 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की असंबद्धता के निर्णय को भी पुष्ट किया गया है। जानकारी इसमें हाईकोर्ट के निर्णय के अनुक्रम में” पंक्ति को जोड़ा गया है।

इससे स्पष्ट हो गया कि गढ़वाल विवि अपने निर्णय पर कायम है। हालांकि, सोमवार को हाईकोर्ट ने निर्णय पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय पर ही कॉलेजों की संबद्धता का भविष्य तय होगा। कार्यकारी परिषद की सदस्य डीडब्ल्यूटी कॉलेज की प्राचार्य प्रो. आरती दीक्षित ने पुष्टि की कि असंबद्धता प्रकरण को पुष्टि के लिए रविवार की बैठक में लाया गया था।

उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने इसका पुरजोर विरोध जताया है। बता दें कि गढ़वाल विवि ने मई के आखिर में हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में डीएवी, डीबीएस सहित 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को इसी सत्र से असंबद्ध करने का निर्णय लिया था, जिस पर दून में छात्रों ने भी भारी विरोध जताया था।

केंद्रीय विवि के एक्ट में संशोधन है आधार : 2009 में गढ़वाल विवि का केंद्रीय विवि एक्ट पास हुआ था। उस एक्ट में जो प्रावधान किए गए थे, उस हिसाब से कॉलेज खुद असंबद्ध हो सकते हैं, लेकिन उन्हें विवि बिना किसी अनियमितता अपने स्तर से या सरकार असंबद्ध नहीं कर सकती। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार केंद्रीय विवि के एक्ट में कोई संशोधन करेगी, तभी सरकार कॉलेजों को असंबद्ध कर सकती है।

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