December 23, 2024

Devsaral Darpan

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उत्तराखंड- राज्य में खेल प्रतिभाओं की नहीं है कमी, सरकार की ओर से भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव किए जा रहे हैं प्रयास !!

उत्तराखंड;  राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार की ओर से भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद विभाग को देवभूमि उत्तराखंड खेलरत्न, हिमालय रत्न खेल पुरस्कार, द्रोणाचार्य और लाइफ टाइम वर्ष 2022 के पुरस्कार के लिए इस साल एक भी अर्ह खिलाड़ी और खेल प्रशिक्षक नहीं मिला।

खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर के मुताबिक, इन पुरस्कारों के लिए विभाग को राज्यभर से 44 आवेदन मिले थे, जो आवेदन मिले उसमें से कोई भी खिलाड़ी और प्रशिक्षक पुरस्कारों के लिए तय मानकों को पूरा नहीं कर रहा है। खेल विभाग की ओर से खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को हर साल राज्य स्तर के विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जाता है।

बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और हिमालय रत्न खेल पुरस्कार दिया जाता है, जबकि प्रशिक्षकों को हर साल देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। विभाग की ओर से इस साल मार्च 2023 में वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिंटन प्रशिक्षक धीरेंद्र कुमार सेन को, वर्ष 2020-21 के लिए ताइक्वांडों प्रशिक्षक कमलेश कुमार तिवारीद्ध

पुरस्कारों के लिए मिले आवेदन फार्म आधे अधूरे : वर्ष 2021-22 के लिए तीरंदाजी प्रशिक्षक संदीप कुमार डुकलान को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन खेल प्रशिक्षकों को सम्मानित करने के बाद इसी महीने 19 दिसंबर को खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न, हिमालय रत्न खेल पुरस्कार, द्रोणाचार्य और लाइफ टाइम वर्ष 2022 के पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था।

खेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस महीने खेल महाकुंभ के राज्यस्तर पर शुभारंभ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को पुरस्कृत किया जाना था, लेकिन विभाग को तय मानकों को पूरा करने वाले खिलाड़ी और प्रशिक्षक नहीं मिले। संयुक्त निदेशक खेल अजय अग्रवाल बताते हैं कि पुरस्कारों के लिए मिले आवेदन फार्म आधे अधूरे हैं।

कुछ खिलाड़ियों ने पदक कब मिला, इसका जिक्र नहीं किया। खिलाड़ी और प्रशिक्षक पुरस्कारों के लिए दी गई सभी शर्तों को पूरा नहीं कर रहे। इन पुरस्कारों के लिए खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से एक जनवरी 2024 तक फिर से आवेदन मांगे गए हैं।

शासनादेश हुआ पर नहीं मिला पुरस्कार : प्रदेश के खिलाड़ियों को हिमालय रत्न पुरस्कार के लिए अभी और इंतजार करना होगा। वर्ष 2022 में इसका शासनादेश हुआ था, लेकिन शासनादेश के बाद से एक बार भी खिलाड़ियों को यह पुरस्कार नहीं मिला। विभाग की ओर से इस साल पहली बार इस पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन उसमें भी विभाग को अर्ह खिलाड़ी नहीं मिले।

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