उत्तराखण्ड; शासन ने राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र नियमित करने एवं केंद्रीयकृत परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली के संबंध में निर्देश दिए हैं। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सेमेस्टर आधारित आगामी परीक्षाफल को अनिवार्य रूप से एबीसी आईडी के साथ क्रेडिट मैपिंग करते हुए प्रकाशित किया जाए। काम में लापरवाही पर उन्होंने संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा सचिव ने कहा, राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में समयबद्ध रूप से परीक्षा संचालन एवं शैक्षणिक सत्र को नियमित करने के उद्देश्य से समयबद्ध परीक्षा परिणाम के लिए केंद्रीयकृत परीक्षा मूल्यांकन व्यवस्था समर्थ ई जीओवी को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। उन्होंने कहा, स्नातक प्रथम सेमेस्टर के लिए केंद्रीयकृत परीक्षा मूल्यांकन व्यवस्था को लेकर जनपदवार चिन्हित एवं चयनित मूल्यांकन केंद्रों की अहम भूमिका रही है, लेकिन कुछ केंद्रों की ओर से संतोषजनक काम नहीं किया जा रहा है।
यह भी संज्ञान में आया है कि कुछ प्रधानाध्यापकों को मूल्यांकन कार्य के लिए प्राचार्यों की ओर से समय पर कार्यमुक्त नहीं किया गया। इसके अलावा कुछ शिक्षकों ने इसमें अपना पूरा योगदान नहीं दिया। भविष्य में इस तरह के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।