उत्तराखण्ड; गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर नियम 300 के तहत विधायकों की सूचनाओं पर शासन के जवाब को लेकर सख्ती दिखी है। विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग ने शासन को भेजी गई सूचनाओं का अंतिम जवाब एक महीने के भीतर विधायकों को भेजने को कहा है।
इसके साथ ही इस प्रक्रिया से जुड़े नियम का भी हवाला दिया है कि सूचनाओं पर अंतिम जवाब भेजने में देरी के लिए जवाबदेह अफसर और कर्मचारी के खिलाफ संबंधित मंत्री कार्रवाई करेंगे। इसकी सूचना सदन पटल पर भी रखी जाएगी।
बता दें कि सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के विधानसभा सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित विषयों को नियम 300 के तहत सदन पटल पर रखा था। ये सूचनाएं प्रदेश सरकार के सिंचाई, आपदा प्रबंधन, शहरी विकास, पर्यटन, आवास, लोनिवि,राजस्व, गृह, उच्च शिक्षा, कृषि, कृषक कल्याण, लोनिवि, माध्यमिक शिक्षा, ग्रामीण निर्माण, वन विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास,चिकित्सा स्वास्थ्य, धर्मस्व व लोक संस्कृति, तकनीकी शिक्षा, समाज कल्याण, कार्मिक एवं सतर्कता, परिवहन, वित्त, ग्राम्य विकास, परिवहन, वित्त, गन्ना चीनी, पशुपालन व पंचायती राज विभाग से संबंधित हैं। संबंधित विभागों को इन सूचनाओं के समय पर जवाब तैयार कर विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग को भेजने हैं।
विधायी विधानसभा सचिवालय को इस बारे में रिपोर्ट करेगा। प्रमुख सचिव धनंजय चतुर्वेदी ने संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और प्रभारी सचिवों को पत्र भेजकर उनसे व्यक्ति ध्यान देने की अपेक्षा की है।