उत्तराखंड; कानून व्यवस्था पर अपनों और विपक्ष के सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खुद मोर्चा संभालना पड़ा है। इसका असर यह है कि पूरा पुलिस महकमा अब और अधिक हरकत में दिखाई दे रहा है। छोटे-छोटे अपराधों को पुलिस अब बेहद गंभीरता से ले रही है ताकि बड़ा रूप लेने से पहले ही उन्हें संभाल लिया जाए।
केदारनाथ में बोर्ड लगाने का मामला हो या पलटन बाजार में एक महिला से जूते की दुकान में छेड़छाड़ की घटना। दोनों घटनाओं में पुलिस ने अतिरिक्त चौकसी दिखाई। प्रदेश में कानून व्यवस्था हमेशा से ही बेहद संवेदनशील मुद्दा रहा है। प्रदेश में जब-जब अपराधी वारदातें घटती हैं तो सरकार को विपक्ष के हमलों और सवालों का सामना करना पड़ता है।
पैदल गश्त बढ़ी : पिछले दिनों जब सवाल उठे तो मुख्यमंत्री ने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। पुलिस मुख्यालय का औचक निरीक्षण करने से लेकर कुछ जिलों के पुलिस कप्तानों को बदलने के बाद पुलिस महकमा अब अतिरिक्त सतर्क और चौकन्ना दिखा है।
निगरानी और पुलिस गश्त पुरानी परिपाटी पर लौटा है। पैदल गश्त बढ़ी है। सीओ और एसओ को अपने कार्यक्षेत्र में कम से कम एक किमी पैदल गश्त करनी पड़ रही है। पुलिस विभाग के मुखिया भी 15 दिन में आपराधिक घटनाओं की समीक्षा कर रहे हैं और इस पर हुई कार्रवाई की ढीली प्रगति पर संबंधित पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय हो रही है। हाल ही में हरिद्वार जिले में आभूषण की दुकान में हुई लूट का एक आरोपी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
सीएम हर दिन ले रहे हैं रिपोर्ट : सीएम कार्यालय की प्रदेश में बड़ी और छोटी से छोटी आपराधिक घटनाओं पर निगाह है। सीएम के हर घटना में कानून सम्मत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश हैं। वह गृह विभाग पुलिस के आला अधिकारियों से हर दिन की रिपोर्ट ले रहे हैं।