उत्तराखण्ड; शांत वादियों वाला शहर नैनीताल करीब 18 घंटे सांप्रदायिक तनाव की गिरफ्त में रहा। बुधवार रात साढ़े आठ बजे सड़कों पर उतरे लोग देर रात कुछ घंटों के लिए जरूर अपने घरों को लौट गए, मगर सुबह होते ही भाजपा नगर मंडल, रामसेवा दल, बजरंग दल, शिव सेना कार्यकर्ता, व्यापार मंडल और अधिवक्ता सड़क पर उतर आए। बाजार पूरी तरह बंद रहा। आरोपी उस्मान को जेल भेजे जाने और प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद दोपहर ढाई बजे आंदोलन थमा।
शहर के रुकुट कंपाउंड में 12 साल की बालिका से दुष्कर्म की वारदात का पता चलने पर बुधवार रात आक्रोश फूट पड़ा था। लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ कर दी और दुकानदारों को दौड़ाकर पीटा था। पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ा। उसके बाद बृहस्पतिवार को बाजार बंद का ऐलान कर दिया गया।
अगली सुबह नैनीताल बाजार पूरी तरह बंद रहा। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने जुलूस निकाला। उसके बाद कोतवाली के सामने धरने पर बैठ गए। वे आरोपी को फांसी देने और उसके घर पर बुल्डोजर चलाने की मांग करने लगे। इस बीच उनकी पुलिस से कई बार तीखी झड़प हुई। एसपी अपराध डॉ. जगदीश चंद्रा, सीओ प्रमोद साह प्रदर्शन करने वालों को समझाते रहे। विभिन्न संगठनों ने मांगों का ज्ञापन कमिश्नर दीपक रावत को दिया।