उत्तराखण्ड; जिन उपभोक्ताओं को यूपीसीएल बिजली दे रहा है, बिल वसूली के लिए वे या तो घर पर नहीं मिल रहे या फिर उनके मीटर ही नहीं मिल रहे। प्रदेश में यूपीसीएल की उन्नीस डिवीजन में ऐसे उपभोक्ताओं का आंकड़ा दो प्रतिशत से ऊपर जाने पर नियामक आयोग ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कार्रवाई न होने पर मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता जिम्मेदार माने जाएंगे।
यूपीसीएल को न मीटर का पता न उपभोक्ता का ठिकाना। 19 डिवीजन में ऐसे उपभोक्ता जो या तो घर पर नहीं या उनका मीटर नहीं मिल रहा। नियामक आयोग ने कहा कि कार्रवाई करें वरना मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता जिम्मेदार होंगे।
यूपीसीएल ने नियामक आयोग के समक्ष जो आंकड़े पेश किए हैं, उन पर आयोग ने सख्त आपत्ति जताई है। यूपीसीएल की सूची में नोन एवेलेबल(एनए) और नोन रेजिडेंशियल(एनआर) का आंकड़ा मानक के अनुसार तय दो प्रतिशत से अधिक बढ़ रहा है। नियामक आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा ने इस पर सख्त आपत्ति जताई है। उन्नीस डिवीजन में हालात चिंताजनक हैं। इनमें ज्यादातर पर्वतीय क्षेत्रों के मामले हैं।