ऋषिकेश अंकिता की हत्या; घटना के दिन अंकिता की पुलकित आर्य और मैनेजर अंकित गुप्ता के साथ तीखी बहस हुई थी। अंकिता चीख रही थी, चिल्ला रही थी और रो भी रही थी। रिजॉर्ट के शेफ आदि कर्मचारी सब सुन रहे थे, लेकिन कोई भी विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पाया। अंकिता के दोस्त पुष्प दीप ने फोन पर उससे कहा कि वह किसी को भेजकर अगले दिन उसे घर छुड़वा देगा। लेकिन आरोपी अंकिता को जबरन गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गए और बैराज में धक्का दे दिया।
अंकिता और पुष्प दीप के बीच हुई इस बातचीत की ऑडियो रिकार्डिंग भी सोशल मीडिया पर वारयल हो रही है। अंकिता का गांव रिजॉर्ट से करीब डेढ़ सौ किमी दूर था। इसीलिए रोज आनाजाना मुमकिन नहीं था।
इसी वजह से अंकिता रिजॉर्ट के ही एक कमरे में रह रही थी। उसका बैग आदि सामान भी इसी कमरे में था। वह इसी बैग को रिजॉर्ट से अपने पास लाने की बात कर रही थी। अंकिता रिजॉर्ट छोड़कर जाना चाहती थी।
उसने रिजॉर्ट के रसोइए को फोन कर उसका बैग किसी दुकान तक लाने के लिए कहा था। तब वह बहुत रो रही थी। रसोइया कहीं बाहर था, वह अंकिता को बोलता है कि मैं आ रहा हूं और वह अपने साथी को बाइक को वापस रिजॉर्ट की तरफ घुमाने के लिए भी कहता है।
अंकिता की जम्मू में नौकरी करने वाले मित्र पुष्प दी घटना के दिन अंतिम बार फोन पर बात हुई थी। रात को करीब 8.30 बजे अंकिता ने फोन पर पुष्प को बताया कि वह फंस गई। पुष्प ने बताया कि उसने अंकिता को अगले दिन किसी को भेजकर घर श्रीकोट पहुंचाने की बात कही । अगर अंकिता एक दिन रुक जाती तो उसकी जान बच सकती थी।
वहीं, अंकिता की उसके दोस्त के साथ वाह्सएप पर हुई चैट भी वायरल हो रही है। इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया से कहा कि चैट से जाहिर है कि अंकिता पर गलत काम करने का दबाव था।
संपादन: अनिल मनोचा