देहरादून; अपने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत के बयानों से असहज भाजपा नेतृत्व ने सख्त रुख अपनाया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से बात करने के निर्देश देने के साथ ही नेतृत्व ने दोनों को दिल्ली तलब कर लिया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट कर अपना पक्ष रखा। दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी जल्द केंद्रीय नेताओं के समक्ष उपस्थित होकर अपना मंतव्य स्पष्ट करेंगे। उधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक भाजपा पर हमले शुरू कर दिए हैं।
पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वासपी की। राज्य गठन के बाद यह पहला अवसर रहा, जब किसी पार्टी को लगातार दो विधानसभा चुनावों में जीत मिली। स्वाभाविक रूप से केंद्रीय नेतृत्व ने धामी पर ही फिर भरोसा जताया और विधानसभा चुनाव में पराजय के बावजूद मुख्यमंत्री का पद सौंपा। इससे धामी के राजनीतिक कद में खासी बढ़ोतरी हुई। मुख्यमंत्री के रूप में धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने पूर्ण कर लिए हैं और इस दौरान उन्होंने कई अहम निर्णय लिए। इस सबके बावजूद भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं के बयान समय-समय पर सरकार और पार्टी के समक्ष असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं।
संपादन: अनिल मनोचा