उत्तराखंड; प्रदेश में भवनों के अवैध निर्माण में सजा का प्रावधान हटा दिया गया है। इसके बदले जुर्माना बढ़ा दिया गया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई है। प्रदेश की जेलों में आजीवन सजा काट रहे बंदियों को अब 14 साल में ही रिहाई मिल जाएगी। सोमवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 19 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें 18 पर मुहर लगी। एक प्रस्ताव टाल दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब अवैध निर्माण या भवन निर्माण में मानकों की अनदेखी करने पर सजा नहीं होगी, लेकिन पहले से अधिक जुर्माना वसूला जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लाए गए उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास संशोधन विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसी तरह मत्स्य कानून में भी सजा प्रावधान हटा दिया गया है और इसमें न्यूनतम 2000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
संपादन: अनिल मनोचा