देहरादून; एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी को कुल्हान स्थित गोल्डन फॉरेस्ट की जमीन बेचकर 94.81 लाख रुपये हड़प लिए गए। मुख्य जालसाज ने वकील और एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर धोखाधड़ी की। तीनों के खिलाफ राजपुर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धोखाधड़ी को लेकर नरेंद्र सिंह निवासी राजपुर रोड ने एसएसपी कार्यालय में कुछ दिन पहलेे तहरीर दी। उन्होंने बताया कि 2019 में वह आलेक कुमार शर्मा निवासी दून एनक्लेव विजय पार्क जीएमएस रोड दूसरा पता फ्रेंड्स अपार्टमेंट बी ब्लॉक जीएमएस रोड के संपर्क में आए। आलोक ने बताया कि वह प्रॉपर्टी डीलर है। भरोसा दिलाया कि उसके पास जमीनों की जांच के लिए अनुभवी सर्वेयर, वकील और अन्य लोग भी हैं। उसने पीड़ित को सहस्रधारा रोड पर कुल्हान करनपुर स्थित एक जमीन दिखाई। बताया कि जमीन का मालिक इस्लाम निवासी छरबा विकासनगर है। आलोक ने पीड़ित को वकील अभिषेक पुंडीर निवासी प्लीजेंट वैली राजपुर रोड से मिलवाया।
मिली जानकारी के अनुसार, वकील ने जमीन साफ सुथरी बताई और रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज कराकर देने की बात कही। इसके बाद अभिषेक पुंडीर ने जमीन की रजिस्ट्री पीड़ित नरेंद्र और उनकी पत्नी के नाम पर करायी। इसके बाद आरोपी ने जमीन के दाखिल खारिज के लिए दो लाख रुपये और लिए। बाद में पीड़ित को पता लगा कि यह जमीन गोल्डन फॉरेस्ट की है। तब पीड़ित ने रकम वापस मांगी तो रकम नहीं लौटाई गई। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि इन सभी ने साजिश के तहत उससे 94.81 लाख रुपये हड़प लिए। थानाध्यक्ष जितेंद्र चौहान ने बताया कि एसएसपी कार्यालय के आदेश पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
गोल्डन फॉरेस्ट ने नियमों के विपरीत खरीदी थी जमीन : वर्ष 1997 में गोल्डन फॉरेस्ट कंपनी ने सेबी के नियमों के विपरीत देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में करीब 12 हजार बीघा भूमि खरीदी थी। इसके लिए नागरिकों से पैसा लेकर दोगुनी रकम वापस देने का झांसा दिया गया। सेबी की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को भंग कर जमीन को राज्य सरकार में निहित करा दिया था। इसके बाद से जमीन पर खरीद फरोख्त की रोक लगी हुई है।
संपादन: अनिल मनोचा